अगर भागना ही होता तो सरेंडर क्यों किया?

इस देश मे विकास का यही हश्र होता है, विकास पहले सत्तासीन नेताओं का ओजार बनता है उनके विरोधियों को निपटाता है, फिर वह काम नही रह जाता उसे भगा दिया जाता है जैसे तैसे विकास मंदिर की आड़ लेकर सरेंडर करता है लेकिन वह खतरनाक बन चुका है वह नेताओं की नेताओं की नीतियों और रीतियों से अच्छी तरह से वाकिफ है इसलिए उसका एनकाउंटर कर दिया जाता है, विकास मुकाम तक पुहचने से पहले ही ढेर हो जाता है



फिक्र न कीजिए !...विकास तो मारा गया लेकिन उसकी डायरी अरनब के हाथ लग गयी है रिपब्लिक भारत पर आज शाम को सब खुलासा किया जाएगा डायरी में पूरा विवरण लिखा है कि सपा - बसपा नेताओं से उसके कैसे कैसे सम्बन्ध थे हालांकि डायरी ने भाजपा नेताओं से उसके सम्बन्धो की कोई जानकारी नही है
अरनब हाथ उठा उठा कर बोलेंगे 'पूछता है भारत' सपा - बसपा ओर कांग्रेसी नेताओं ने ऐसा क्यो किया

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